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Buland Awaaz: बुलंद आवाज
Par Nand Kishore Yadav. 2023
बुलंद आवाज एक ऐसी आवाज, जिसे अनसुना करना नामुमकिन 'नंद किशोर यादव: बुलंद आवाज बिहार भाजपा के जनप्रिय नेता' नंदूजी…
यानी संघर्ष और विकास के प्रतीकपुरुष श्री नंद किशोर यादव के संसदीय जीवन का सफरनामा है। नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के विधायक के तौर पर जन- आवाज बनकर उन्होंने जो अमिट लंबी लकीर खींची है, उसी का दस्तावेजीकरण प्रस्तुत पुस्तक में हुआ है। जदयू से गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने पर वर्ष 2013 में श्री नंद किशोर यादव को भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा। सदन के भीतर और बाहर नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री की उस सरकार, जिसमें थोड़े दिन पहले तक वे खुद भी साझीदार थे, को उसकी विफलता का आईना दिखाना बड़ी चुनौती थी। सरकार से हटने के बाद जल्द ही प्रभावी विपक्ष के तेवर में स्वयं को ढालना और पार्टी का नेतृत्व करना सरल नहीं था, लेकिन बिहार की जनता ने देखा कि नंद किशोर यादव ने करीब दो साल नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिका का किस आक्रामकता के साथ निर्वाह किया।"Har Bhartiya Ke Liye Nivesh Ke Saral Upay: हर भारतीय के लिए निवेश के सरल उपाय
Par Vinod Pottayil. 2018
निवेश सम्बंधी अपने सभी प्रश्नोंके जवाब पाएं! - मैं सुनार के पास बार-बार जाए बिना सोने मैं निवेश कैसे कर…
सकता हूँ ?म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं, जिनमें मैं निवेश कर सकता हूँ? - मुझे जीवन बीमा को ख़र्च मानना चाहिए या निवेश? - शेयर बाज़ार कैसे काम करता है? - क्या मैं 15 साल बाद भी पीपीएफ़ में निवेश कर सकता हूँ? - क्या एम्पलॉई प्रॉविडेंट स्कीम से पैसा निकालते समय करमुक्त होता है? - रियल एस्टेट में निवेश करके मुनाफ़ा कमाने के कौन से तरीक़े हैं? - क्या मुझे स्वास्थ्य बीमे की सचमुच ज़रुरत है? अगर हाँ, तो मेरे पास कितनी राशि का बीमा होना चाहिए? - कैशलेस हेल्थ इनश्योरेंस क्या होता है? स्वास्थ्य बीमे में टॉप अप और सुपर टॉप अप का क्या मतलब होता है? - वसीयत क्या है और क्या मुझे भी वसीयत लिखनी चाहिए? - मैं संख्याओं और हिसाब-किताब में माहिर नहीं हूँ? क्या कोई आसान तरीक़ा है, जिससे मैं अपने निवेशों के भावी मूल्य का पता लगा सकता हूँ? यह पुस्तक बताती है कि बाज़ार मैं उपलब्ध निवेश के सबसे लोकप्रिय विकल्प कैसे काम करते हैं अप जो ज्ञान हासिल करेंगे, उससे न सिर्फ अप अपने निवेशों का बेहतर प्रबंधन कर पाएँगे, बल्कि इससे आपको स्वयं ही निवेश के संसार कि पड़ताल करने का आत्मविश्वास भी मिलेगा यह पुस्तक सभी उम्र के लोगों के लिए एक उपयोगी साधन होगी, जो अपने वित्तीय जीवन की बागडोर अपने हाथों मैं थामना चाहते हैं।Canvaas Par Bikhre Yadon Ke Rang: कैनवास पर बिखरे यादों के रंग
Par Abhidha Sharma. 2021
उपन्यास में नयी पीढ़ी के प्रेम की परिभाषा है और परिवार का यथार्थ है। नयी पीढ़ी ने जीविका के पारंपरिक…
अर्थगर्भ से असंतोष व्यत्तफ़ किया, तो उसमें भी सभ्यता के अधैर्य का व्यापक आधार है। संस्कृति की पूंजी और परंपरामोह ने नई पीढ़ी के आत्मप्रवाह के अर्थ में विकास दंभ की रूपरेखा भी खींची, तो अपनी संपूर्ण विज्ञान सहमति के साथ अभिधा के उपन्यास में बड़े घरों की नई पीढ़ी की जीविका की तलाश है और प्रेम यहाँ धैर्य का प्रतीक बनकर उपस्थित हुआ है।Mister Laapata: मिस्टर लापता
Par Devendra Pandey. 2023
नरेश अचानक से बेरोजगार हो गया। वह सालों से अपने कंफर्ट ज़ोन में फंसा कुएँ का मेंढ़क बना हुआ था।…
अचानक उसे अपना अनिश्चित भविष्य दिखाई देने लगा। नई नौकरी मतलब फिर से शुरुआत जिसके लिए वह बिल्कुल भी तैयार नहीं था। ऐसे में हताशा और निराशा से घिरे नरेश को ना जाने क्यों अपना गाँव याद आया जिसे वह सालों पहले कहीं छोड़ आया था। गाँव उसका अतीत था तो शहर वर्तमान और भविष्य दोनों थे। दोबारा शुरुआत करने से पहले वह अपनी जड़ों को एक बार देखना चाहता था। लेकिन क्या गाँव वैसा ही था जैसा उसने सोचा था? सुकून की तलाश में बेचैनियों को मंजिल बना लेने वाले नरेश की कहानी। अपने भीतर समाए बेचैनियों के शहर में लापता, ज़ेहन में कहीं छिपे सुकून के गाँव को खोजते नरेश जैसे ना जाने कितनों की कहानी।Bhagya Twister: भाग्य ट्विस्टर
Par Owen Jones. 2023
वेन का जन्म उत्तरी वेल्स के एक सुदूर खेत में एक जंगली, तूफानी रात में हुआ था। परिवार चाहता था…
कि उसकी डिलीवरी अस्पताल में हो क्योंकि वह बड़ा होने वाला था और ग्विनेड का पहला बच्चा था, लेकिन उसकी माँ और दादी रियानोन ने सोचा कि यह बहुत खतरनाक हो सकता है। परिवार की बाइबिल के अनुसार, उनके सभी परिवार 324 वर्षों के लिए फार्म, द ड्रैगन्स गार्डन में पैदा हुए थे - और वे सभी या तो चुड़ैल या जादूगर थे...Life Ke Kadawe Sach: लाइफ के कड़वे सच
Par Shwetabh Gangwar. 2019
“लाइफ के कड़वे सच” यह किताब नज़रियों का संकलन है। यह किसी एक बकैती के बारे में कत्तई नहीं है।…
यह किताब आपको उपदेश देने के लिए नहीं है। यह आपको सोचने के लिए, उत्साहित करने के लिए लिखी गई है, और इसीलिए मेरी फक्कड़ वाली भाषा, किताब का शीर्षक और यह लंठई भरा नज़रिया अपनाया गया है। हालांकि किताब में उपदेश बहुत हैं, पर मैं चाहता हूं आप एक बार इस पर सोचें ज़रूर। ज़रूरी बात यह है कि यह किताब आपको हर उस फालतू की चीज़ से मुक्त करना चाहती है जिसे आप ख़ुद से अनजाने ही चिपकाए घूम रहे हैं और घुट भी रहे हैं- चाहे वह ख़ुशी पाने के तरीक़े हों या फिर आपकी ज़िंदगी से जुड़े लोग। ऐसी चीज़ें हर मामले में टांग अड़ाकर खड़ी होती हैं। चूंकि यह किताब आपको आज़ाद कराने को लेकर है, तो यह आपकी ज़िंदगी से जुड़े कई मसलों पर बात करेगी। जब भी आप किसी बात से असहमत हों, तब उस मुद्दे को विस्तार से लिख डालें कि ऐसा क्यों है, आपके तर्क के पीछे वजहें क्या हैं और ऊपरवाले से प्रार्थना करें कि अपने तर्क को पढ़ते वक़्त ऐसा न लगे कि आप इसलिए असहमत हैं क्योंकि आपके जज़्बातों को ठेस पहुंच रही है।Kaun Ho Tum: कौन हो तुम
Par Sangeeta Pandey. 2020
क्या होता है जब प्यार शादीशुदा ज़िंदगी में दस्तक देता है? अंजाम किस हद तक ले जाता है? बर्बादी या…
प्यार की एक ऐसी कहानी जिसकी मिसाल दिल को छू जाए। आसान नही थी मोहिनी के लिए मोहब्बत की डगर, पर न जाने ऐसी कौन सी ताकत थी प्यार में कि हर दरिया पार करती चली गई। पर ये सुख ज़िंदगी को मंज़ूर कहां था? एक ऐसा पड़ाव आया... जहां, जिस शख़्स के लिए बहुत ख़ास थी मोहिनी, उसी की नज़रों से उतर गई... जो उसकी पूरी ज़िंदगी है, उसका वह एक लम्हा भी नहीं। सवाल उसकी खुशी का था तो मोहिनी ने चुप्पी साध ली पर आनंद की चुप्पी डसने लगी उसे, उसके अतीत की परछाई ने सब छीन लिया उससे। चाहत प्यार की थी, बेशुमार ग़म भर गए झोली में। क्या आनंद मोहिनी की ख़ामोशी कभी समझ पाएगा? क्या मोहिनी को तमन्नाओं की उड़ान मिलेगी या बिरह की अग्नि में जल जाएगी मोहब्बत? सामाजिक बंधनों के बीच उपजा आनंद और मोहिनी का प्यार परवान तो चढ़ा लेकिन क्या समाज के नाम की बलि चढ़ जाएगा या उनके जज़्बात एक नया मोड़ लेंगे?Punarbhav: पुनर्भव: महायोद्धा पाणिनि का उदय
Par Ashutosh Jain. 2021
देवताओं का एक कट्टर दुश्मन, शक्ति और अमरता की अपनी निरंतर खोज में, हजारों वर्षों की गुप्त यात्रा करते हुए…
कलियुग में पहुँच गया है। एक ऐसे काल खंड में, जब धर्म के अभाव में देवता निष्क्रिय हो कर योग-निद्रा में सो चुके हैं। खतरा बहुत बड़ा है। अब विध्वंसकारी शक्तियों के सामने सृष्टि असुरक्षित खड़ी है। इस बीच, सियाचिन की बर्फीली पहाड़ी इलाके में अजीब घटनाएं घट रही हैं, जिनके केंद्र में है भारतीय सेना स्पेशल फोर्स ‘२२’ का नौजवान कैप्टन अभिनव त्रिवेदी। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाए, कैप्टन अभिनव और उसका कमांडिंग ऑफिसर मेजर रवि चंद्रा अपने आप को पृथ्वी से बहुत दूर एक रहस्यमयी, अनजान और जादुई दुनिया में पाते हैं। सृष्टि और पंचतत्व के पल-पल खुलते नए रहस्यों के बीच एक विलक्षण बालक सनत कुमार (एक ब्रह्मऋषि जो कि समय जितने ही प्राचीन हैं) अभिनव को उसकी नियति और सृष्टि पर मंडरा रहे खतरे के बारे में बताता है। ‘पुनर्भव: महायोद्धा पाणिनि का उदय’ – इन सब सवालों के जवाब देती एक ऐसी हैरान कर देने वाली कथा जो कि पौराणिक कथाओं, श्रीमद्भगवद गीता, उपनिषदों और पुराणों के गहन ज्ञान के साथ आपको अपने अनोखे, जादुई ब्रह्मांड में खींच लेगी।Samarshankh: समरशंख
Par Namrata Singh. 2022
महाभारत युद्ध समाप्त हुए पाँच सौ वर्ष बीत चुके थे। धरती पर अन्याय, अशांति और अधर्म का वातावरण व्याप्त हो…
चुका था। सम्पूर्ण आर्यावर्त मनुष्यों के अधिकार में था। तक्षक नाग के वंशज आश्रयहीन हो चुके थे। पक्षीराज जटायु के वंशज गरुड़, कलियुग के प्रारम्भ में अत्यधिक शक्तिशाली हो गए और उन्होंने धरती पर बचे-खुचे नागों का संहार करना प्रारम्भ किर दिया। मनुष्यों और गरुड़ों के पास एक अपराजेय महायोद्धा था, जिसके नाम से असुर और नाग थर-थर कांपते थे। नागों को भी एक महावीर योद्धा की तलाश थी और एक दिन अचानक ऐसा एक योद्धा प्रकट हो जाता है। सम्पूर्ण भारतवर्ष उसे ‘नागपुत्र’ कहकर बुलाने लगता है। उस नागपुत्र के परिचय से समस्त गरुड़ जाति कांप उठती है। समरशंख फूँक दिया जाता है और एक भयानक और भीषण महायुद्ध का प्रारम्भ हो जाता है।Mansarovar Bhag 6: मानसरोवर भाग ६
Par Premchand. 2012
प्रेमचंद ने 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया है। इनमें से…
अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।Bharat Ki Aantarik Suraksha Evam Aapda Prabandhan: भारत की आंतरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन
Par Aman Kumar Ips Udaybhan Singh. 2018
प्रस्तुत पुस्तक ‘भारत की आंतरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन’ संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा हेतु लिखी गई है।…
यह पुस्तक भारत की आंतरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन से संबद्ध समस्त अवधारणाओं का निष्पक्षत व सरल भाषा में विवरण प्रस्तुत करती है। इसमें संगाठित अपराध, आतंकवाद, नक्सलवाद, साइबर अपराध, कालाधन, मनी लांड्रिंग, हवाला कारोबार, कश्मीर समस्या, सांप्रदायिकता इत्यादि ज्वलंत विषयों पर विश्लेषणात्मक सामग्री प्रस्तुत की गई है। प्रमुख विशेषताएँ भारत की आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न पक्षों पर सटीक व विश्लेषणात्मक सामग्री आपदा प्रबंधन पर एक समग्र अवलोकन। मानचित्रों के द्वारा तथ्यों का सरल प्रस्तुतीकरण।Dohri Chaal: दोहरी चाल
Par Amit Khan. 2022
दुश्मन के एक बेहद खतरनाक फौजी किले की कहानी। वाकई इस बार बड़ा अजीबोगरीब मामला था। इस बार वो मिशन…
था ही नहीं, जो बताया गया था। सब कुछ रहस्य के गहरे महासागर में छुपा था। आखिर असली मिशन क्या था? दिल की धड़कनों को थाम दे, भीषण प्रकम्पन्न पैदा कर दे- ऐसे विलक्षण मूड में ‘कमांडर करण सक्सेना’ का बेहद तेज़रफ़्तार उपन्यास।Post Box Number 203 Nala Sopara: पोस्ट बॉक्स नं. 203 नाला सोपारा
Par Chitra Mudgal. 2022
हिन्दी साहित्य जगत में अपनी अप्रतिम जगह बना चुकी वरिष्ठ कथाकार चित्रा मुद्गल का यह उपन्यास विनोद उर्फ बिन्नी उर्फ…
बिमली के बहाने हमारे समाज में लम्बे समय से चली आ रही उस मानसिकता का विरोध हैजो मनुष्य को मनुष्य समझने से बचती रही है। जी नहींयह अमीरगरीब का पुराना टोटका नहींमहज शारीरिक कमी के चलते किसी इंसान को असामाजिक बना देने की क्रूर विडम्बना है। अपने ही घर से निकाल दिए गए विनोद की मर्मांतक पीड़ा उसके अपनी बा को लिखे पत्रों में इतनी गहराई से उजागर हुई है कि पाठक खुद यह सोचने पर विवश हो जाता है कि क्या शब्द बदल देने भर से अवमानना समाप्त हो सकती है गलियों की गाली हिजड़ाको किन्नरकह देने भर से क्या देह के नासूर छिटक सकते हैं। परिवार के बीच से छिटककर नारकीय जीवन जीने को विवश किए जाने वाले ये बीच के लोगआखिर मनुष्य क्यों नहीं माने जाते। आजजबकि ऐसे असंख्य लोगों को समाज में स्वीकृति मिलने लगी हैहमारी संसद भी इस संदर्भ में पुरातनपंथी नहीं रही हैक्या यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि परिवार व समाज अपनी सोच के मकड़जाल से बाहर निकल आएंगेठीक उसी तरह जैसे इस उपन्यास के मुख्य चरित्र की मां वंदना बेन शाह अपने बेटे से घर वापसी की अपील करते हुए एक विस्तृत माफीनामा अखबारों में छपवाती है। यह अपील एक व्यक्ति भर की न रहकरसमूचे समाज की बन जाएयही वस्तुत: कथाकार की मूल मंशा है। एक एक्टिविस्ट रचनाकारकैसे अपनी रचना में मूल सरोकार के प्रति समर्पित हो सकता हैयह इस अनोखे और पठनीय उपन्यास की भाषा बताती है। यहां समाज की हर सतह उघड़ती है और एक नयी रचनात्मक सतह बनने को आतुर है।Personality Plus: पर्सनैलिटी प्लस
Par Florence Littauer. 2007
पर्सनैलिटी प्लस में फ़्लोरेंस लिटार आपको ऐसी बहुमूल्य जानकारी देती हैं, जिससे आप अपने अनूठे व्यक्तित्व को आसानी से पहचान…
सकते हैं। इस पुस्तक में एक पर्सनैलिटी प्रोफ़ाइल टेस्ट भी दिया गया है। यह टेस्ट आपके गुणों के उस अनूठे सम्मिश्रण के बारे में बताएगा, जो आपकी भावनाओं, काम करने की क्षमता और संबंधों को प्रभावित करता है। मज़ेदार क़िस्सों और सटीक सुझावों के माध्यम से पर्सनैलिटी प्लस आपकी शक्तियों को बढ़ाने तथा कमजोरियों को सुधारने का मार्गदर्शन देती है। इस रोचक पुस्तक में आपके आस-पास के लोगों को समझने का तरीक़ा भी बताया गया है। आप यह जान जाएँगे कि किन गुणों के कारण हर व्यक्ति भिन्न होता है। पर्सनैलिटी प्लस को पढ़ने के बाद आपका जीवन निश्चित रूप से बेहतर और अधिक आनंददायक बन सकता है।Mansarovar Bhag 8: मानसरोवर भाग ८
Par Premchand. 2012
प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया…
है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।Deep Work: डीप वर्क
Par Cal Newport. 2020
'जिस तरह स्वचालन (ऑटोमेशन) और बाहरी स्रोत (आउटसोर्सिंग) हमारे कार्यक्षेत्र को एक नया रूप दे रही हैं, ऐसे में वे…
कौन से नए कौशल हैं, जिनकी हमें ज़रूरत हैं? कैल न्यूपोर्ट की यह दिलचस्प किताब न सिर्फ एक विचलन-रहित वातावरण में गहन एकाग्रता से हमारा परिचय कराती है बल्कि हमें उस तक पहुँचने का मार्ग भी दिखाती है। इस गहन एकाग्रता के परिणामस्वरूप हमारे सीखने की गति तेज हो जाती है और हमारा प्रदर्शन सशक्त हो जाता है। इसे अपने मस्तिष्क के व्यायाम के रूप में देखें और आज से ही यह व्यायाम शुरू करें।' 'यह किताब गहन एकाग्रता की क्षमता विकसित करने के पक्ष में ठोस तर्क देती है और इसके लिए ऐसे कदम सुझाती है, जो फौरन उठाए जा सकते हैं।' 'कैल न्यूपोर्ट भारी शोरगुल के बीच एक स्पष्ट सुनाई देने वाली आवाज हैं, जिनके काम में विज्ञान और जोश, दोनों का संगम है। हमें और अधिक क्लिक्स व इमोजीस (वेब पेजों में उपयोग किए जानेवाले स्माइली) की ज़रूरत नहीं है। हमें बहादुरी भरे काम की ज़रूरत है। ऐसा काम तभी संभव होता है, जब हम सच्चाई को नज़रअंदाज करने से इंकार कर देते हैं।' 'इंसान की मानसिक शक्तियों को दोबारा सक्रिय करने के लिए कैल न्यूपोर्ट जितने व्यावहारिक, दक्ष और जानकारियों से भरपूर सुझाव देते हैं, मैंने उतने कारगर सुझाव देते हुए किसी और को नहीं देखा।' 'अगर आपको लगता है कि आप यह सब पहले से जानते हैं, तो गहन कार्य अपनी अनूठी और उपयोगी अंतदृष्टियों से आपको आश्चर्यचकित कर देगी। दरअसल इस किताब की उपयोगिता सिद्ध करने के लिए इसमें प्रस्तुत नियम-3 ही काफी है, जो कोई भी लाभ काफी है दृष्टिकोण पर चर्चा करता है।'Dhan-Sampatti Ka Manovigyan: धन-संपत्ति का मनोविज्ञान
Par Morgan Housel. 2021
धन का प्रबंधन, निवेश और उद्यम संबंधी निर्णय लेना ऐसे विषय माने जाते हैं जिनमें आमतौर पर काफी गणितीय हिसाब…
किताब होता है, जहाँ डेटा और फ़ॉर्मूले हमें बताते हैं कि आखिर क्या करना है। लेकिन वास्तविक संसार में, लोग वित्तीय निर्णय स्प्रेडशीट पर नहीं लेते। वे खाने की मेज पर या किसी सभाकक्ष में उन्हें बनाते हैं, जहाँ व्यक्तिगत इतिहास, संसार के प्रति आपका अद्वितीय दृष्टिकोण, अहंकार, अभिमान, मार्केटिंग, और विचित्र प्रेरक साथ में उलझे होते हैं। धन-संपत्ति के मनोविज्ञान में लेखक ने 19 लघु कहानियाँ प्रस्तुत की हैं, जो धन के बारे में लोगों की विचित्र सोच का समन्वेषण करती है, और साथ ही आपको सिखाती हैं कि आप किस प्रकार जीवन के इस सवाधिक महत्वपूर्ण पहलू को बेहतर रूप से समझ सकते हैं।कम से ज़्यादा हासिल करें: अपने पहले प्रकाशन के बीस वर्षों बाद, 80/20 सिद्धांत दुनिया की सर्वाधिक बिकनेवाली पुस्तकों में…
शामिल है, जिसे पूरे विश्व में फैले लाखों प्रभावी लोग प़ढते हैं। अब यह पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली और अनिवार्य हो गई है। पहले इसे जिसने भी प़ढा और इस्तेमाल किया, उसे इसका फायदा मिला। भविष्य में, यह उन सभी के लिए एक अनिवार्य साधन बन जाएगी जो सफल होना चाहते हैं। और यह प्रभावशाली है। सहज ज्ञान के विपरीत लेकिन इस व्यापक सच्चाई पर आधारित होने के कारण कि 80% परिणाम 20% कारणों से मिलते हैं, 80/20 सिद्धांत यह दिखाता है कि महज 20% सबसे ज़रूरी बातों पर ध्यान देकर आप बहुत कम समय और प्रयास के साथ बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। इस विस्तृत नए संस्करण में चार ताज़ातरीन अध्याय हैं जो आपको बताते हैं कि कैसे: १. ब़ढते नेटवर्क का इस्तेमाल आप अपने फायदे के लिए कर सकते हैं। २. इस सिद्धांत के अत्यधिक फायदेमंद 90/10 और 99/1 रूपों का लाभ उठा सकते हैं। ३. अपने अवचेतन मन की मदद से अपने जीवन पर एक परम-प्रभावी और चमत्कारिक रूप से अनुकूल प्रभाव डाल सकते हैं। ४. पाँच परम नियमों को अपनाकर और अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।Paryavaran Shikshan: पर्यावरण शिक्षण: भारत में रुझान एवं प्रयोग
Par Chong Shimray. 2018
यह पुस्तक पर्यावरण शिक्षा में बुनियादी समझ के साथ-साथ स्कूली पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने के लिए मूल्यवान दिशानिर्देश भी…
प्रदान करती है। पर्यावरण शिक्षा शिक्षण: भारत में रुझान और प्रथाएं अध्ययन के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं को समझाने और भारतीय स्कूल पाठ्यक्रम में पर्यावरण शिक्षा को शामिल करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाता है। यह स्कूली पाठ्यक्रम में एक आवश्यक घटक के रूप में पर्यावरण शिक्षा के महत्व को स्थापित करता है और नीतियों और रणनीतियों के सफल विकास और कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण रोड मैप का सुझाव देता है। ऐसा करने में, पुस्तक पर्यावरण शिक्षा, पर्यावरण विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को भी स्पष्ट करती है और शिक्षा कैसे सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।Sadguru: सद्गुरु
Par Arundhathi Subramaniam. 2018
यह पुस्तक सद्गुरु की प्रेरणागाथा है- वह असाधारण दिव्यपुरुष; जो युवावस्था में ही ईश्वर को जानने के लिए तत्पर हो…
उठे; मोटरसाइकिलों का शौकीन; जो जीवन के रहस्य खोजने के लिए उद्यत हो उठे; संशयवादी होने के बावजूद आध्यात्मिक सत्पुरुष बन गए। बाल्यकाल में जग्गी वासुदेव (जो अब सद्गुरु के नाम से वियात हैं) उच्छृंखल स्वभाव के थे; कक्षा छोड़कर भाग जाना; हुड़दंग करना; चुहलबाजी करना उनकी प्रकृति में था; बाद में उन्हें मोटरसाइकिल और रेसिंग गाडि़यों का शौक हो गया। उनकी आध्यात्मिक यात्रा में इस तेजी और तत्परता को सहज ही अनुभव किया जा सकता है। ऐतिहासिक ‘ध्यानलिंग’ की स्थापना किसी जिद्दी; हठधर्मी व्यति के द्वारा ही किया जाना संभव था; और सद्गुरु ने वह कर दिखाया। सद्गुरु का विश्वास है कि आस्था; आध्यात्मिकता और विज्ञान एक-दूसरे से जुडे़ हैं। इनके समन्वय मात्र से ही मानव का कल्याण होगा; सद्गुणों के विकास के लिए प्रत्येक व्यति को सतत सक्रिय होना होगा। सद्गुरु के साथ लंबी बातचीत और उनके अनुयायियों तथा शिष्यों के साथ साक्षात्कारों के आधार पर अरुंधती सुब्रह्मण्यम द्वारा तैयार की गई यह पुस्तक एक जीवंत किंवदंती ‘सद्गुरु’ का जीवनवृ प्रस्तुत करती है। सद्गुरु की त्वरित मेधा; अद्भुत वाक्पटुता और आधुनिक शद-संपदा से सज्जित यह पुस्तक आपके आध्यात्मिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त करेगी और आपके जीवन की दिशा बदल देगी।