Punarbhav: पुनर्भव: महायोद्धा पाणिनि का उदय
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Résumé
देवताओं का एक कट्टर दुश्मन, शक्ति और अमरता की अपनी निरंतर खोज में, हजारों वर्षों की गुप्त यात्रा करते हुए कलियुग में पहुँच गया है। एक ऐसे काल खंड में, जब धर्म के अभाव में देवता निष्क्रिय हो कर योग-निद्रा… में सो चुके हैं। खतरा बहुत बड़ा है। अब विध्वंसकारी शक्तियों के सामने सृष्टि असुरक्षित खड़ी है। इस बीच, सियाचिन की बर्फीली पहाड़ी इलाके में अजीब घटनाएं घट रही हैं, जिनके केंद्र में है भारतीय सेना स्पेशल फोर्स ‘२२’ का नौजवान कैप्टन अभिनव त्रिवेदी। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाए, कैप्टन अभिनव और उसका कमांडिंग ऑफिसर मेजर रवि चंद्रा अपने आप को पृथ्वी से बहुत दूर एक रहस्यमयी, अनजान और जादुई दुनिया में पाते हैं। सृष्टि और पंचतत्व के पल-पल खुलते नए रहस्यों के बीच एक विलक्षण बालक सनत कुमार (एक ब्रह्मऋषि जो कि समय जितने ही प्राचीन हैं) अभिनव को उसकी नियति और सृष्टि पर मंडरा रहे खतरे के बारे में बताता है। ‘पुनर्भव: महायोद्धा पाणिनि का उदय’ – इन सब सवालों के जवाब देती एक ऐसी हैरान कर देने वाली कथा जो कि पौराणिक कथाओं, श्रीमद्भगवद गीता, उपनिषदों और पुराणों के गहन ज्ञान के साथ आपको अपने अनोखे, जादुई ब्रह्मांड में खींच लेगी।