अ672ई92 पंचमविश्व बर्बाद होने वाला है - वास्तव में भी और राजनैतिक रूप से भी, क्योंकि इसका सूर्य अ672ई92 अपनी…
आख़िरी सांसें गिन रहा है, जिससे उसका आकार बढ़ता जा रहा है और वह धीरे-धीरे सारे ग्रहों को निगल लेगा जिससे सब लोग मारे जाएँगे - लेकिन वे लोग तो आपसी लड़ाइयों में ही ख़ुद को तबाह करने पर तुले हैं और अपने सूरज को यह मौका ही नहीं देना चाहते। जबकि ख़ून-ख़राबा अपने चरम पर है, दो व्यक्तियों पर न चाहते हुए भी उस विश्वयुद्ध को रुकवाने की ज़िम्मेदारी आ पड़ती है जो सारे ग्रह के लोगों को वहाँ से निकाल कर ले जाने की राह रोके हुए है। लोगों को सितारों से परे, नए ग्रह पर कौन, कैसे ले जाएगा?
Gora is one of the novel by Tagore where he attacks the social taboos. Gora is a very complex novel.…
The divided society of Hindus has been presented in a very matchless way. Rabindranath Tagore brings out the inner controversies of both the Brahmo samaj and traditional orthodox society. Gora is an advocate of the Hinduism and its practises but opposes all the wrong doing in the society. He is a very patriotic person which is reflected all over in the novel. Readers of Indian classic must read this.
कॉर्पोरेट लालच। भ्रष्टाचार। महामारी। दक्षिणी शहर नान-ली में सबकुछ ठीक चल रहा था -- लेकिन तभी एक रहस्यमय महामारी ने…
शहर में डर और दुख फैला दिया। देवी एबेस कारा को इसका कारण ढूँढ कर इलाज खोजने का अपना कर्तव्य पता था, लेकिन इस बीमारी के साथ ही समय भी उनका दुश्मन बन गया था और इलाज खोजते हुए वे एक ख़तरनाक षड्यंत्र में फंसती चली गईं जो न सिर्फ़ उनकी जान लेने पर तुला था, बल्कि अगली कई पीढ़ियों तक अरबों लोगों की जान भी ले सकता था।