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बर्नार्ड Levine के सर्वश्रेष्ठ
Par Bernard Levine, Shyama Singh. 2017
बर्नार्ड Levine के शब्दों से प्रेरित है, प्रोत्साहित किया है और समर्पित पाठकों केहजारों के लिए खुशी लाया । आप…
इसके लिए कहा है, आपके द्वारा वोट दिया,यहां पहली बार के लिए है बर्नार्ड Levine बहुत बेहतरीन प्रेरणादायक क्लासिक्सका संग्रह है ।यौन-क्रिया के खिलौने: अच्छा या बुरा?
Par गेब्रियल एग्बो. 2020
प्रति वर्ष अरबों डॉलर में यौन-क्रिया के टॉयज के सौदागर रेक करते हैं। उनके उत्पाद इतने विविधतापूर्ण हैं और आज…
दुनिया के हर हिस्से में उपलब्ध हैं। अब, यह कृत्रिम रूप से या तकनीकी रूप से संतोषजनक यौन इच्छाओं के इस व्यवसाय की तरह दिखता है। एकल, विवाहित, वृद्ध, युवा आज यौन-क्रिया के खिलौने की दुकानों का संरक्षण करते हैं और निर्माताओं, बुद्धिमानी से, भी अधिक आकर्षक और परिष्कृत लोगों को लगातार मंथन कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि यौन आनंद के इन नए उपकरणों का आविष्कार करने के लिए उनकी अभिनव प्रतिभा का कोई अंत नहीं होगा। आज इनमें से कुछ खिलौने एक्ट करते हैं और एक्ट में विपरीत यौन-क्रिया के पार्टनर की तरह व्यवहार करते हैं। सच। लेकिन यहां, हम उपयोगकर्ताओं पर इन खिलौनों की उत्पत्ति, इरादों और प्रभावों को देखना चाहते हैं, विशेष रूप से आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक निहितार्थ। यौ�व्यापार अपने आप को जानते हैं
Par Adidas Wilson. 2020
पुस्तक के बारे में विश्वास! स्वयं में विश्वास करें| आप अपने जीवन के चालक के स्थान पर हैं और विंडशील्ड…
रियरव्यू दर्पण से बड़ी है| आपको स्वयं अपने अतिरिक्त कोई बचाने नहीं जा रहा है| ध्यान करें, प्रार्थना करें, मोमबत्ती जलाएं, लेकिन कार्य जारी रखें जिससे ब्रह्मांड आपके विचारों को वापस पृथ्वी पर भेज सके| आपके माता पिता आपके जीवन में नहीं थे, आपको वित्तीय साक्षरता नहीं सिखाई गई, क्या हुआ? “वह जो कहता है वह कर सकता है और वह जो कहता है वह नहीं कर सकता प्रायः दोनों सही हैं कन्फ़्यूशियस) आज के सूचना के युग में स्व-शिक्षित न होने का कोई बहाना नहीं है| अल्पकालिक लक्ष्य और दीर्घकालिक लक्ष्य बनाएँ|समय ही धन है: वित्तीय स्वतंत्रता, रिटायर अर्ली
Par Adidas Wilson. 2020
जब आप ज्यादातर लोगों से पूछते हैं, तो वे आपको बताएंगे कि उन्होंने FIRE आंदोलन की इतनी लोकप्रिय होने की…
कभी उम्मीद नहीं की थी। जीवन का सुख भोगना और 30 या 40 पर रिटायर होने के लिए 50% + की आमदनी बचाना कोई आसान बात नहीं है। 2020 में, FIRE आंदोलन अपने चरम पर है। दुर्भाग्य से, इसका मतलब है कि कोई और अधिक नहीं है - जाने का एकमात्र तरीका नीचे है। हर दिन, आप किसी ऐसे व्यक्ति की कहानी देखते हैं, जो जल्दी सेवानिवृत्त हो गया और उन्होंने यह कैसे हासिल किया। यह आप कैसे जानते हैं कि FIRE अपने चरम पर है। कोई भी निवेशक जानता है कि जब आप समाचार को प्रिंट में देखते हैं, तो आप निवेश नहीं कर सकते क्योंकि यह बहुत देर हो चुकी होती है। लेकिन यह आमतौर पर बेचने के लिए एक महान समय है। निवेशक भविष्य का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं। सच्ची संपत्ति का निर्माण सिर्फ पैसा कमाना नहीं है। कुछ बिंदु पर, आपने खुशहाल गरीब ल�आदत डालना: कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं
Par Adidas Wilson. 2020
आपने हमेशा लोगों को यह कहते हुए बहाना सुना होगा कि वे सफल होने के लिए आवश्यक प्रतिभा के साथ…
पैदा नहीं हुए थे। यह सच है कि कुछ तरीकों से लोगों को स्वाभाविक रूप से सुविधा है। हालांकि, किसी चीज में सफलता प्राप्त करना अपने आप को प्रतिबद्ध करने और कौशल हासिल करने के लिए समय निकालना है। वास्तव में, प्रतिभा एक शुरुआती बिंदु से ज्यादा कुछ नहीं है। कोई भी इनकार नहीं कर रहा है कि प्राकृतिक प्रतिभा मौजूद है। आनुवांशिक रूप से अनुकूल हैं, खासकर जहां शारीरिक क्षमता का संबंध है। बहरहाल, ज्यादातर लोगों के लिए सफलता हमेशा एक भौतिक उद्यम नहीं होती है। वे सिर्फ कुछ करना चाहते हैं और इसमें अच्छा होना चाहते हैं। वे एक आरामदायक जीवन के लिए कुछ पूरा करते हुए एक अच्छा वेतन कमाने की इच्छा रखते हैं। आपके द्वारा देखे गए प्रत्येक सफल व्यक्ति को वहां पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी; ओल�स्वर्ण-युग की दुनिया में जाते हुए धनवान बने (ध्यान टिप्पणियों सहित)
Par Brahma Kumari Pari. 2020
इस ग्रंथ में सूचित किए गई क्रिया आपके आध्यात्मिक विकास, वित्तीय और निर्वाह दशा सुधारने हेतू सहायता करता हैं! इस…
ग्रंथ में, आप वित्तीय या आध्यात्मिक स्तर पर धनवान कैसे बने, और स्वर्णिम युग (होलोग्राफिक विश्व के माध्यम से) में चलते हुए आपकी इच्छाको पूर्ण करता हैं| हमारे जीवन के लक्ष्य को साध्य करने हेतू ईश्वर और उनके ज्ञान का किस पद्धती से उपयोग करना हैं, इसे प्रस्तुत ग्रंथ में स्पस्ष्ट किया हैं: 1. जो चमत्कारी शक्तीयॉं (सिद्धी) और विशेषताए आपको चाहिये वह इस ग्रंथ में दिए गई हैं| 2. आकर्षण का सिद्धांत धन और खुशिया क्यो लाता हैं ई.| 3. विज़ुअलाइज़ेशन क्यों और कैसे भौतिक हो सकते हैं| 4. उच्च आयाम के करीब जाना, जहां आकाशिक रिकॉर्ड मौजूद हैं, वह आपको अपने सपनों को आसानी से महसूस करने में मदद करेगा। 5. आपको जो चाहिये वह प्राप्त करने हेतू अआप्न ब्रह्मलोक से किहोलोग्राफिक यूनिवर्स: एक परिचय
Par Brahma Kumari Pari. 2020
इस पुस्तक मे जो कुछ भी समझाया गया है उसकी गहराई को समझने के मकसद से इसे पढ़िये। इसे सिर्फ…
एक 'पाठन सामग्री' मत समझिए। इसे सिर्फ होलोग्राफिक यूनिवर्स के बारे में जानने के लिए मत पढ़िए बल्कि, लेखिका इसके बारे में क्या समझाना चाहती है जब तक आप उसको अनुभव नही करते और समझ नही लेते तब तक उस पर चिंतन करते रहिए। इस पुस्तक मे जो भी लिखा गया है उसकी कल्पना करते समय एक खुला और साफ मस्तिष्क रखने से आपको यह अनुभव करने में मदद मिलेगी कि लेखिका ने क्या अनुभव किया है और आपने उससे अलग क्या अनुभव किया है। परिणाम स्वरूप, आप ये समझ पाएंगे की लेखिका क्या समझाना चाहती है। जब तक आप इस पुस्तक को समझ नही लेते तब तक अगर आप इसे बार बार पढ़ेंगे, तो आपकी होलोग्राफिक यूनिवर्स को अनुभव करने की क्षमता बढ़ती जाएगी। पढ़ने के अनुभव का आनंद लीजिए !Vaani Vyvahaar Me (Sanxipt): वाणी व्यवहार मॅ
Par Dada Bhagwan. 2016
‘वाणी,व्यवहार में’, यह पुस्तक में हमें वाणी से संबंधित कई सारे मौलिक सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त होती है| वाणी मुख्यतः…
निर्जीव है, यह सिर्फ एक टेप रिकॉर्ड है, जिसकी पूरी रिकॉर्डिंग हमारे पिछले जन्मो में हुई है| वाणी, एक बहुत ही अमूल्य वस्तु है जिसकी कीमत समझना बहुत ज़रूरी है| हमारी वाणी ऐसी होनी चाहिए कि जिससे किसीको भी दुःख ना हो| दादाश्री इस किताब में हमें वाणी कि महत्वता, हमारे रोजिंदा जीवन में होने वाले व्यवहार को लक्ष में रखकर, बहुत सारे उदाहरणों के साथ बताते है जिससे हमें यह समझ में आता है कि हम हमारी वाणी को किस तरह कोमल और मधुर बना सकते है| जिस तरह किसी टेप को बजाने से पहले उसमें रिकॉर्डिंग करनी होती है उसी तरह हमारे मुँह से जो वाणी निकलती है वह सब पिछले जन्मो में की हुई रिकॉर्डिंग का ही परिणाम है| वाणी के सिद्धांतों को और अधिक गहराई में समझने के लिए यह किताब अवश्य पढ़े|Takrav Taliye: टकराव टालिए
Par Dada Bhagwan. 2016
दैनिक जीवन में टकराव का समाधान करने की जरूरत को सभी समझते हैं। हम टकराव करके अपना सबकुछ बिगाड़ लेते…
हैं। यह तो हमें बिल्कुल अनुकूल नहीं होता। सड़क पर लोग ट्राफिक़ के नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। लोग अपनी मनमानी नहीं करते, क्योंकि मनमानी से तो टकराओगे और मर जाओगे। टकराने में जोखिम है। इसी प्रकार व्यावहारिक जीवन में भी टकराव टालना है। ऐसा करने से जीवन क्लेश रहित होगा और मोक्ष की प्राप्ति होगी। जीवन में क्लेश का कारण जीवन के नियमों की अधूरी समझ है। जीवन के नियमों की हमारी समझ में, मूलभूत कमियाँ हैं। जिस व्यक्ति से आप इन नियमों को समझें, उसे इन नियमों की घहरी समझ होनी चाहिए। इस पुस्तक से आप जान पाएँगे की टकराव क्यों होता है? टकराव के प्रकार क्या हैं? और टकराव कैसे टालें की जीवन क्लेश रहित हो जाए। इस पुस्तक का लक्ष्य आपके जीवन को शांति और उल्लास से भरना है, तथा मोक्ष मार्ग में आपके क़दमों को मज़बूत करना है।Seva Paropkar: सेवा परोपकार
Par Dada Bhagwan. 2016
सेवा का मुख्य उद्देश्य है कि मन-वचन-काया से दूसरों की मदद करना| जो व्यक्ति खुद के आराम और सुविधाओं के…
आगे औरो की ज़रूरतों को रखता है वह जीवन में कभी भी दुखी नहीं होता| मनुष्य जीवन का ध्येय, दूसरों की सेवा करना ही होना चाहिए| परम पूज्य दादाभगवान ने यह लक्ष्य हमेशा अपने जीवन में सबसे ऊपर रखा कि, जो कोई भी व्यक्ति उन्हें मिले, उसे कभी भी निराश होकर जाना ना पड़े| दादाजी निरंतर यही खोज में रहते थे कि, किस प्रकार लोग अपने दुखों से मुक्त हो और मोक्ष मार्ग में आगे बढे| उन्होंने अपनी सुख सुबिधाओं की परवाह किये बगैर ज़्यादा से ज़्यादा लोगो का भला हो ऐसी ही इच्छा जीवनभर रखी| पूज्य दादाश्री का मानना था कि आत्म-साक्षात्कार, मोक्ष प्राप्त करने का आसान तरीका था पर जिसे वह नहीं मिलता हैं, उसने सेवा का मार्ग ही अपनाना चाहिए| किस प्रकार लोगो की सेवा कर सुख की प्राप्ति करे, यह विस्तृत रूप से जानने के लिए यह किताब ज़रूर पढ़े|Samaj Se Prapt Brahmacharya (Sanxipt): समज से प्राप्त ब्रह्मचर्य (संक्षिप्त)
Par Dada Bhagwan. 2016
ब्रम्हचर्य व्रत, भगवान महावीर द्वारा दिये हुए ५ महाव्रतो का हिस्सा है| मोक्ष प्राप्त करने ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करना…
चाहिए, यह समझ बहुत सारे लोगो में है पर विषय करना क्यों गलत है या उसमें से हम छुटकारा कैसे पा सकते है, यह सब कोई नहीं जानता| विषय यह हमारी पाँचो इन्द्रियों में से किसी भी इन्द्रिय को पसंद नहीं आता| आँखों को देखना अच्छा नहीं लगता, नाक को सूंघना पसंद नहीं, जीभ से चख ही नहीं सकते और ना ही हाथ से छू सकते है| पर फिर भी सच्चा ज्ञान नहीं होने के कारण लोग विषय में निरंतर लीन होते है क्योंकि उन्हें इसके जोख्मों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है| अपने हक्क के साथी के साथ भी विषय करने में अनगिनत सूक्ष्म जीवों का नाश होता है और अनहक्क के विषय का नतीजा तो नरकगति है| इस पुस्तक द्वारा आपको ब्रम्हचर्य क्या है,इसके क्या फायदे है, ब्रम्हचर्य का पालन कैसे करे वगैरह प्रश्नों के जवाब मिलेंगे|Paiso Ka Vyvahaar (Sanxipt): पैसों का व्यवहार (संक्षिप्त)
Par Dada Bhagwan. 2016
एक सुखी और अच्छा जीवन बिताने हेतु, पैसा हमारा जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है| पर क्या कभी आपने…
यह सोचा है कि, ‘ क्यों किसी के पास बहुत सारा पैसा होता है और किसी के पास बिल्कुल नहीं?’ परम पूज्य दादाजी का हमेशा से यही मानना था कि, पैसों के व्यवहार में नैतिकता बहुत ही ज़रूरी है| अपने अनुभवों के आधार पर और ज्ञान की मदद से वह पैसों के आवन-जावन, नफा-नुक्सान, लेन-देन आदि के बारे में बहुत ही विगतवार जानते थे| वह कहते थे कि मन की शान्ति और समाधान के लिए किसी भी व्यापार में सच्चाई और ईमानदारी के साथ नैतिक मूल्यों का होना भी बहुत ही ज़रूरी है| जिसके बिना भले ही आपके पास बुहत सारा धन हो पर अंदर से सदैव चिंता और व्याकुलता ही रहेगी| अपनी वाणी के द्वारा दादाजी ने हमें पैसों के मामले में खड़े होने वाले संघर्षों से कैसे मुक्त हो और किस प्रकार बिना किसी मनमुटाव के और ईमानदारी से, अपना पैसों से संबंधित व्यवहार पूरा करे इसका वर्णन किया है जो हम इस किताब में पढ़ सकते है|Mai Kaun Hu: मैं कौन हूँ?
Par Dada Bhagwan. 2016
केवल जीवन जी लेना ही जीवन नहीं है। जीवन जीने का कोई ध्येय, कोई लक्ष्य भी तो होगा। जीवन में…
कोई ऊँचा लक्ष्य प्राप्त करने का ध्येय होना चाहिए। जीवन का असली लक्ष्य ‘मैं कौन हूँ’, इस सवाल का जवाब प्राप्त करना है। पिछले अनंत जन्मों का यह अनुत्तरित प्रश्न है। ज्ञानीपुरुष परम पूज्य दादाश्री ने मूल प्रश्न “मैं कौन हूँ?” का सहजता से हल बता दिया है। मैं कौन हूँ? मैं कौन नहीं हूँ? खुद कौन है? मेरा क्या है? मेरा क्या नहीं है? बंधन क्या है? मोक्ष क्या है? क्या इस जगत् में भगवान हैं? इस जगत् का ‘कर्ता’ कौन है? भगवान ‘कर्ता’ हैं या नहीं? भगवन का सच्चा स्वरूप क्या है? ‘कर्ता’ का सच्चा स्वरूप क्या है? जगत् कौन चलाता है? माया का स्वरूप क्या है? जो हम देखते और जानते हैं, वह भ्रांति है या सत्य है? क्या व्यावहारिक ज्ञान आपको मुक्त कर सकता है? इस संकलन में दादाश्री ने इन सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए हैं।Krodh: क्रोध
Par Dada Bhagwan. 2016
हमें क्रोध क्यों आता है? क्रोध आने के कुछ कारण यह है - जब कोई भी कार्य हमारी इच्छानुसार नहीं…
होता या हमें यह लगे कि सामनेवाला व्यक्ति हमारी बात नहीं समझ रहा या फिर किसी बात पर किसी के साथ मनमुटाव हो तब| लेकिन क्रोध आने का कोई भी निश्चित कारण नहीं होता| कई बार हमारी समझ से हमें यह लगता है कि, हम जो भी सोच रहे है या जो कुछ भी कर रहे है वह सब सही ही है| पर, उस वक्त यदि कोई दूसरा व्यक्ति आकार हमें गलत साबित करे तो हम अपना आपा खो बैठते है और उसपर अत्यंत क्रोधित हो जाते है| क्रोध करने से ना सिर्फ सामनेवाला व्यक्ति दुखी होता है पर हमें भी उतना ही दुःख होता है| कई किस्सों में यह देखा गया है कि जिससे हम सबसे अधिक प्यार करते है, उसपर ही सबसे ज्यादा गुस्सा भी करते हैं| इस तरह बिना सोचा समझे गुस्सा करने से कई बार हमारे संबंधो में भी काफी तनाव पैदा हो जाता है जिसका फल अच्छा नहीं होता| किस प्रकार हम अपने क्रोध पर काबू पा सकते है या किसी और क्रोधित व्यक्ति के साथ कैसा बर्ताव करे ताकि हमारे औरों से प्रेमपूर्वक सम्बन्ध बने रहे, इन प्रश्नों का हल पाने के लिए आगे पढ़े|Hua So Nyay: हुआ सो न्याय
Par Dada Bhagwan. 2016
कुदरत के न्याय को यदि इस तरह समझोगे की “हुआ सो न्याय” तो आप इस संसार से मुक्त हो जाओगे।…
लोग जीवन में न्याय और मुक्ति एक साथ ढूँढते हैं। यहाँ पूर्ण विरोधाभास की स्थिति है। ये दोनों आपको एक साथ मिल ही नहीं सकते। प्रश्नों का अंत आने पर ही मुक्ति की शुरूआत होती है। अक्रम विज्ञान में सभी प्रश्नों का अंत आ जाता है, इसलिए यह बहुत ही सरल मार्ग है। दादाश्री की यह अनमोल खोज है की कुदरत कभी अन्यायी हुई ही नहीं है। जगत् न्याय स्वरूप ही है। जो हुआ सो न्याय ही है। कुदरत कोई व्यक्ति या भगवान नहीं है कि उस पर किसी का जोर चल सके। कुदरत यानि साईन्टिफिक सरकमस्टेन्शियल एवीडेन्स। कितने सारे संयोग इकट्ठे हों, तब कार्य होता है। दादाश्री के इस संकलन में, हुआ सो न्याय का विज्ञान प्रस्तुत किया गया है। इस सूत्र का जितना उपयोग जीवन में होगा, उतनी ही शांति बढेगी।Daan: दान
Par Dada Bhagwan. 2016
दान का अर्थ होता है किसीको कुछ देना| यह दान पैसों के रूप में हो सकता है, खाने के रूप…
में या सिर्फ किसी को खुश करने हेतु हो सकता है| दान देने से हमें खुशी मिलती है क्योंकि हमें लगता है कि हमने कुछ अच्छा काम किया है| दान करने से बहुत सारे फायदे होते है| जिसका विस्तारित वर्णन दादाश्री ने अपनी किताब ‘दान’ में किया है|इस किताब में दादाजी हमें यह भी बताते है कि किसे दान दे,क्या दान करना चाहिए, दान कितने प्रकार के होते है,दान करने के क्या फायदे है इत्यादि| दान करने से हम सिर्फ सामने वाले की मदद नहीं कर रहे पर खुद भी बहुत सारी खुशियाँ पाते है|दान का महत्व हमारे जीवन में क्या है, यह अधिक जानने के लिए, यह किताब ज़रूर पढ़े|Chinta: चिंता
Par Dada Bhagwan. 2016
चिंता से काम बिगड़ते हैं, ऐसा कुदरत का नियम है। चिंता मुक्त होने से सभी काम सुधरते हैं। पढ़े-लिखे खाते-पीते…
घरों के लोगों को अधिक चिंता और तनाव हैं। तुलनात्मक रूप से, मज़दूरी करनेवाले, चिंता रहित होते हैं और चैन से सोते हैं। उनके ऊपरी (बॉस) को नींद की गोलियाँ लेनी पड़ती हैं। चिंता से लक्ष्मी भी चली जाती है। दादाश्री के जीवन का एक छोटा सा उदाहरण है। जब उन्हें व्यापार में घाटा हुआ, तो वे किस तरह चिंता मुक्त हुए। “एक समय, ज्ञान होने से पहले, हमें घाटा हुआ था। तब हमें पूरी रात नींद नहीं आई और चिंता होती रहती थी। तब भीतर से उत्तर मिला की इस घाटे की चिंता अभी कौन-कौन कर रहा होगा? मुझे लगा कि मेरे साझेदार तो शायद चिंता नहीं भी कर रहे होंगे। अकेला मैं ही चिंता कर रहा हूँ। और बीवी-बच्चे वगैरह भी हैं, वे तो कुछ जानते भी नहीं। अब वे कुछ जानते भी नहीं, तब भी उनका चलता है, तो मैं अकेला ही कम अक्लवाला हूँ, जो सारी चिंताएँ लेकर बैठा हूँ। फिर मुझे अक्ल आ गई, क्योंकि वे सभी साझेदार होकर भी चिंता नहीं करते, तो क्यों मैं अकेला ही चिंता किया करूँ?” चिंता क्या है? सोचना समस्या नहीं है। अपने विचारों में तन्मयाकर हुआ कि चिंता शुरू। ‘कर्ता’ कौन हैं, यह समझ में आ जाए तभी चिंता जाएगी।Bhugate Uski Bhool: भुगते उसी की भूल
Par Dada Bhagwan. 2016
जो दुःख भोगे तो उसकी भूल और सुख भोगे तो उसका इनाम। लेकिन भ्रांति का कानून निमित्त को पकड़ता है।…
भगवान का कानून, रीयल कानून, तो जिसकी भूल होगी, उसको पकड़ेगा। वह कानून एक्ज़ेक्ट है और उसमें कोई परीवर्तन कर सके, ऐसा है ही नहीं। ऐसा कोई कानून जगत् में नहीं है जो किसी को ‘भुगतना’ [दुःख] दे सके। जब कभी हमें अपनी भूल के बिना भुगतना पड़ता है, तब हृदय को चोट लगती है, और वह पूछता है – मेरा क्या कसूर है ? मैंने क्या गलत किया ? भूल किसकी है ? चोर की या जिसका चुराया गया है उसकी ? इन दोनों में से कौन भुगत रहा है ? “जो भुगते उसीकी भूल”। प्रस्तुत संकलन में, दादाश्री ने “भुगते उसीकी भूल” का विज्ञान प्रकट किया है। इसे प्रयोग में लाने से आपकी सारी गुत्थियाँ सुलझ जाएँ, ऐसा अनमोल यह सूत्र है।Aatam Shakshatkar: आत्मसाक्षात्कार
Par Dada Bhagwan. 2016
जीवमात्र क्या ढूंढता है? आनंद ढूंढता है, लेकिन घड़ीभर भी आनंद नहीं मिल पाता | विवाह समारोह में जाएँ या…
नाटक में जाएँ, लेकिन वापिस फिर दुःख आ जाता है | जिस सुख के बाद दुःख आए, उसे सुख ही कैसे कहेंगे? वह तो मूर्छा का आनंद कहलाता है | सुख तो परमानेन्ट होता है | यह तो टेम्परेरी सुख हैं और बल्कि कल्पित हैं, माना हुआ है | हर एक आत्मा क्या ढूंढता है? हमेशा के लिए सुख, शाश्वत सुख ढूंढता है | वह ‘इसमें से मिलेगा, इसमें से मिलेगा | यह ले लूँ, ऐसा करूँ, बंगला बनाऊ तो सुख आएगा, गाड़ी ले लूँ तो सुख मिलेगा’, ऐसे करता रहता है | लेकिन कुछ भी नहीं मिलता | बल्कि और अधिक जंजालों में फँस जाता है | सुख खुद के अंदर ही है, आत्मा में ही है | अत: जब आत्मा प्राप्त करता है, तब ही सनातन (सुख) ही प्राप्त होगा |Adjust Everywhere: ऐडजस्ट एवरीव्हेयर
Par Dada Bhagwan. 2016
यदि एक सीवर में बदबू आए तो क्या हम सीवर से लड़ते हैं ? इसी प्रकार ये झगडालू दृष्टिकोणवाले मनुष्य…
भी दुर्गंध फैलाते हैं, तो क्या हम उनसे कुछ कहने जाएँ ? दुर्गंध फैलाए वे सभी सीवर कहलाएँ, तथा सुगंध फैलाए वे सभी बाग़ कहलाएँगे। जिस-जिस से दुर्गंध आती है, वे सभी कहते हैं, “आप हमसे वीतराग रहें” | हमने जीवन में अनेकों बार, परिस्थितियों के साथ समझौता किया है। उदाहरणत: बारिश में हम छाता लेकर जाते हैं। पढाई पसंद हो या न हो करनी ही पड़ती है। ये सभी एडजस्टमेन्ट लेने पड़ते हैं। फिर भी नकारात्मक लोगों से सामना होने पर हम टकराव में आ जाते हैं। ऐसा क्यों होता है ? परम पूज्य दादाश्री ने खुलासा किया है कि ‘एडजस्ट एवरीव्हेर’ वह ‘मास्टर की’ है जो आपके संसार को सुखमय बना देगी। यह सरल सूत्र आपके संसार को बदल देगा! और जानने के लिए आगे पढ़े