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Yojana December 2023: योजना दिसम्बर २०२३
Par Yojana. 2023
योजना दिसम्बर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। वर्ष भर का लेखा-जोखा देने वाले योजना…
के इस अंक का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रगति के जीवंत सारतत्व को संजोना है और प्रमुख नीतिगत पहलों पर प्रकाश डालते हुए पाठकों को उद्योग, परिवहन, संस्कृति, कृषि और खेल जैसे सॉफ्ट पावर क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास और उपलब्धियों का व्यावहारिक विश्लेषण और झलक प्रदान करना है। यह अंक अपने पाठकों को गुजरे वर्ष और भावी अवसरों की झलक प्रदान करता है।Kurukshetra April 2023: कुरुक्षेत्र अप्रैल २०२३
Par Publications Division. 2023
कुरुक्षेत्र अप्रैल २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु पंचायती राज और गरीबी मुक्त…
एवं उन्नत आजीविका, बाल हितैषी गाँव, पर्याप्त जल संसाधन युक्त गाँव, ढांचागत आत्मनिर्भर गाव, सुशासित गाँव, भेदभाव रहित विकास, स्वस्थ गाँव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गाँव और स्वच्छ एवं हरित गाँव हैं। पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से आज देश में हर दूसरे गाँव में सफलता की नित नई कहानियाँ लिखी जा रही है। आज पंचायतों में महिलाओं सहित सभी कमजोर वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलने से वे राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं जिसने गाँवों की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल दी है। निसंदेह निकट भविष्य में 'स्मार्ट' गाँवों की तर्ज पर तेजी से आगे बढ़ रहे हमारे गाँवों की विकास गाथा एक नया इतिहास रचेगी।Yojana February 2024: योजना फरवरी २०२४
Par Yojana. 2024
योजना फरवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जेनरेटिव…
एआई, उद्योग, साइबर सुरक्षा, गवर्नेस, लोक सेवाएं, मीडिया हैं। योजना के इस संग्रहणीय अंक में, भारत में एआई को अपनाए जाने के गतिशील परिदृश्य को समेटने की कोशिश की है। इसमें एआई से संबंधित विषयों के विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण योगदानों के जरिए कृत्रिम मेधा के संभावित लाभों, चुनौतियों तथा एक संतुलित और समावेशी डिजिटल भविष्य को प्रोत्साहित करने की अनिवार्यता को समझने का प्रयास किया गया है।Kurukshetra February 2024: कुरुक्षेत्र फरवरी २०२४
Par Publications Division. 2024
कुरुक्षेत्र फरवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु खाद्य भंडारण अवरंसरचना हैं। संक्षेप…
में, देश में वर्तमान में खाद्य भंडारण अवसंरचना की कमी के चलते जो बाधाएं हमारी आत्मनिर्भरता और विकास के मार्ग में आ रही हैं, उन्हें दूर करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस अंक में विशेषज्ञों के लेखों के माध्यम से खाद्य भंडारण क्षेत्र की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई है और उनके समाधान ढूँढने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया गया है। उम्मीद है कि इस विषय में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए ये अंक संग्रहणीय होगा।Mansarovar Bhag 4: मानसरोवर भाग ४
Par Premchand. 2012
प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया…
है, प्रस्तुत उपन्यास मानसरोवर के चौथे भाग का संस्करण है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।Chaho! Sab Kuchh Chaho: चाहो! सब कुछ चाहो
Par Sadhguru. 2019
चाहो! सब कुछ चाहो “लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं,” ‘बुद्ध ने कहा इच्छा न करो। लेकिन आप तो कहते हैं-…
सारा कुछ पाने की इच्छा करो। यह विरोधाभास क्यों है?’ जो अपने जीवन-काल के अंदर समस्त मानव जाति को ज्ञान प्रदान करने की इच्छा करते रह, क्या उन्होंने लोगों को इच्छा का त्याग करने को कहा होगा? कभी नही। बड़ी से बड़ी इच्छाएं पालिए। उन्हें पाने के लिए सौ फीसदी लगन के साथ कार्य कीजिए। ध्यानपूर्वक इच्छा का निर्वाह करेंगे तो वांछित मनोरथ पा सकते हैं। सद्गुरु बेहद लोकप्रिय साप्तहिक ‘आनंद विकटन’ में एक वर्ष-पर्यत धारावाहिक रूप से निकलकर, फिर पुस्तकाकार प्रकाशित सद्गुरु के वचनामृत अब आपके हाथों में है - ‘चाहो! सब कुछ चाहो’ ये हैं जीवन की बाधाओं को जीतकर, वांछित मनोरथ प्राप्त करते हुए सम्पूर्ण जीवन जीने की राह बताने वाले अनमोल वचन; जीवन में कायाकल्प लाने वाले अमोघ वचन.Kalihanuvani: कलिहनुवाणी
Par Shunya. 2020
आठों योग सिद्धियों को प्राप्त करने वाले चिरंजीवी हनुमान जी ने अपना ब्रह्मज्ञान और अनुभव बाँटने के लिए कुछ विशेष…
आदिवासी शिष्य चुने थे। उन्होंने वचन दिया था कि वे हर 41 वर्ष पश्चात अपने शिष्यों की नई पीढ़ियों से मिलने आएँगे और उन्हें स्वयं ज्ञान प्रदान करेंगे। उसी शाश्वत वचन को निभाते हुए वे इस बार भी आए। घने जंगल से आच्छादित एक पर्वत पर उन्होंने अपने शिष्यों को प्राचीन ज्ञान नवीन ढंग से प्रदान किया। एक दिव्य लीला के अंतर्गत यह ज्ञान जंगल से बाहर 'कलिहनुवाणी' के रूप में पहुँच रहा है...Mansarovar Bhag 3: मानसरोवर भाग ३
Par Premchand. 2012
प्रेमचंद ने 14 उपन्यास व 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कहानियों को 'मानसरोवर' में संजोकर प्रस्तुत किया…
है, प्रस्तुत उपन्यास मानसरोवर का तिसरे भाग का संस्करण है। इनमें से अनेक कहानियाँ देश-भर के पाठ्यक्रमों में समाविष्ट हुई हैं, कई पर नाटक व फ़िल्में बनी हैं जब कि कई का भारतीय व विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अपने समय और समाज का ऐतिहासिक संदर्भ तो जैसे प्रेमचंद की कहानियों को समस्त भारतीय साहित्य में अमर बना देता है। उनकी कहानियों में अनेक मनोवैज्ञानिक बारीक़ियाँ भी देखने को मिलती हैं। विषय को विस्तार देना व पात्रों के बीच में संवाद उनकी पकड़ को दर्शाते हैं। ये कहानियाँ न केवल पाठकों का मनोरंजन करती हैं बल्कि उत्कृष्ट साहित्य समझने की दृष्टि भी प्रदान करती हैं।Shivagami Katha - Khand 1: शिवगामी कथा - खंड १
Par Anand Neelakantan. 2017
पांच वर्ष की अल्पायु में जब शिवगामी ने अपनी आंखों से देखा कि माहिष्मती के सम्राट ने उसके पिता को…
राजद्रोही घोषित कर मृत्यु का आदेश दिया है, तभी उसने प्रतिज्ञा कर ली कि एक दिन वह इस साम्राज्य का सर्वनाश कर देगी। इसी बीच, अपने कर्तव्यों पर आंख मूंदकर विश्वास करने वाला स्वाभिमानी एवं आदर्शवादी नौजवान कटप्पा स्वयं को एक विलासी राजकुमार की सेवा में पाता है। जैसे ही शिवगामी पैशाची भाषा में लिखी एक पांडुलिपि के रहस्य से पर्दा उठाने का प्रयास करती है, वह पाती है कि माहिष्मती का साम्राज्य षड्यंत्रकारियों, क्रांतिकारियों, भ्रष्ट अधिकारियों और राजमहल के भीतर साजिश रचने वालों से घिरा हुआ है। वहीं, तीन सौ वर्ष पूर्व पवित्र पर्वत से निष्कासित किये जाने से क्रुद्ध एक कबीला सम्राट के विरुद्ध युद्ध का उद्घोष करने की तैयारी में जुटा है। शिवगामी कथा विचलित कर देने वाले षड्यंत्रों और कभी न भूलने वाले किरदारों से भरी है।Kurukshetra November 2023: कुरुक्षेत्र नवम्बर २०२३
Par Publications Division. 2023
कुरुक्षेत्र नवम्बर २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत में प्रतिभा हैं।…
संक्षेप में, ज़मीनी स्तर की उद्यमशीलता में ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को गति देने की अपार संभावनाएं हैं। हालांकि इस परिवर्तन के लिए सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र सहित सभी हितधारकों के ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। साथ मिलकर, हम ग्रामीण भारत को सशक्त बना सकते हैं, इसकी वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं और सभी के लिए अधिक समावेशी और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।Yojana November 2023: योजना नवम्बर २०२३
Par Yojana. 2023
योजना नवम्बर 2023 पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में जी20: पृथ्वी, लोग, शांति और…
समृद्धि के लिए और भारत का बढ़ता प्रभाव: जी20 शिखर सम्मेलन ने भारत को विश्व मंच पर स्थापित किया आदि प्रमुख बिंदु हैं।Yojana January 2024: योजना जनवरी २०२४
Par Yojana. 2024
योजना जनवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण आज़ादी का अमृत महोत्सव पर केंद्रित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ईज़ ऑफ डूइंग…
बिज़नेस (कारोबार करने में सुगमता) हैं। योजना के इस संग्रहणीय अंक में, व्यवसायों पर अनुपालन बोझ को कम करने, अधिक निवेश आकर्षित करने और विश्वास-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में जन विश्वास प्रावधानों का संशोधन अधिनियम की विशिष्टता का वर्णन किया गया है। उपर्युक्त विधायी प्रयास के माध्यम से, नियामक कठिनाइयों को संबोधित करके, पारदर्शिता को बढ़ावा देकर और डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहित करके अधिक गतिशील और प्रतिस्पर्धी आर्थिक माहौल की स्थितियां बनाई गई हैं। हमें उम्मीद है कि विषय विशेषज्ञों और हितधारकों की अंतर्दृष्टि 'जन विश्वास' नामक इस अभूतपूर्व पहल के बारे में हमारे पाठकों की समझ को व्यापक बनाएगी, जो व्यापार सुगमता के परिदृश्य और देश की उद्यमशीलता की भावना को नया रूप देने के लिए तैयार है।Kurukshetra January 2024: कुरुक्षेत्र जनवरी २०२४
Par Publications Division. 2024
कुरुक्षेत्र जनवरी २०२४ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु ग्रामीण भारत को पुनर्परिभाषित करते…
स्टार्टअप्स हैं। स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना और भारत में नवाचार और उद्यमिता के लिए एक मज़बूत और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हो।Kurukshetra December 2023: कुरुक्षेत्र दिसम्बर २०२३
Par Publications Division. 2023
कुरुक्षेत्र दिसम्बर २०२३ पत्रिका का संस्करण ग्रामीण विकास को समर्पित है। पत्रिका में प्रमुख बिंदु आत्मनिर्भर गाँव हैं। संक्षेप में,…
गाँवों में बिजली, पानी और कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचे तक पहुँच संबंधी हाल की प्रगति से 'आत्मनिर्भर गाँव' की परिकल्पना के जल्द ही साकार होने की आशा है। दूरसंचार प्रौद्योगिकी में प्रगति ने ग्रामीण समुदायों को दूरस्थ कार्य के लिए और कम लागत पर जोड़ा है। आज इंटरनेट और ए आई के इस युग में रोजगार के अवसरों के लिए प्रवास जरूरी नहीं रह गया है। इन सभी प्रयासों के बीच सम्पूर्ण भारत में समृद्धि तभी संभव है जब गाँव स्वयं इस आंदोलन का नेतृत्व करें।Zindagi Benakaab: ज़िंदगी बेनकाब
Par S. P. Bharill. 2021
ज़िंदगी की उलझन का मतलब विचारों की उलझन है और हमारे विचार तभी सुलझ सकते हैं जब हम जीवन को…
समझ लें। इसके लिए प्रकृति के नियम, विश्व के संचालन की व्यवस्था और अध्यात्म के सिद्धांतों के साथ-साथ उनके रहस्यों को स़िर्फ समझना ही नहीं होगा बल्कि उन्हें अपने जीवन में उतारना भी होगा। यह किताब इसमें आपकी मदद ही नहीं करेगी बल्कि उस दिशा में आपको ले कर भी जायेगी। अगर आप उलझनों से मुक्त खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं, आप जानना चाहते हैं कि मैं कौन हूँ, आप अपने आपको आइने में देखना चाहते हैं, आप अपने मुखौटे उतार फेंकना चाहते हैं, आप संबंधों में मधुरता चाहते हैं तथा ऊर्जा और उत्साह से भरपूर जीवन का आनंद लेना चाहते हैं, तो इस किताब को पढ़ना होगा। समय तीव्र गति से बह रहा है, तो समय रहते ही हम इन तथ्यों को समझकर, प्रतिदिन की दिनचर्या में उतार कर अपने जीवन में परिवर्तन ले आएँ, और आज ही इस किताब को पढ़ना शुरू करें। विश्वास मानिये, आप इस प्रयास में सफल होंगे।Beticket Muzrim Se Arabpati Banne Ki Kahani: बेटिकट मुजरिम से अरबपति बनने की कहानी
Par Rajiv Singh. 2018
एक वास्तविक समयकाल के समांतर राजनीतिक और आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य में स्थित यह उपन्यास, सपने की शक्ति, विश्वास की शक्ति और…
प्यार की शक्ति की असाधारण कहानी है। यह कहानी है गाँव के एक वंचित लड़के की, जिससे उसके सपने पूरे करने का प्रत्येक अवसर छीन लिया जाता है, लेकिन जीवन में अनेक मुश्किलों का सामना करते हुए भी वह अपने सपने का पीछा करना नहीं छोड़ता। वर्ष 1978 में उत्तर प्रदेश के एक पिछड़े गाँव में जिला कलेक्टर का दौरा गरीब, श्रमिक परिवार के ग्यारह वर्षीय गोदना को आई.ए.एस. अफसर बनने के लिए प्रेरित करता है। क्या वह अपना सपना पूरा कर पाता है या परिस्थितियों के आगे हार मान लेता है? या फिर वह और अधिक ऊँचाइयाँ प्राप्त कर लेता है? क्या जाति आधारित आरक्षण नीतियों से उसे मदद मिलती है? क्या जाति आधारित राजनीति उसे आकर्षित कर पाती है? क्या वह अपने खिलाफ चली गईं चतुर ‘कॉरपोरेट चालों और साजिशों का सामना कर पाता है?Mann ki Shakti: मन की शक्ति
Par Maxwell Maltz. 2014
साइको साइबरनेटिक्स में 31 नुस्खे और मानसिक प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं, जो डॉ. मॉल्ट्ज़ की सिखार्इ बातों पर अमल करने…
में आपकी मदद करेंगे। इससे आपको लगभग किसी भी लक्ष्य को जल्दी और आसानी से हासिल करने में मदद मिलेगी।Kala Moti: काला मोती: ब्रह्मकण शक्ति
Par Shivendra Suryavanshi. 2021
हिमालय की गुफाओं से निकलकर, अटलांटिस की धरती के रहस्यों की परतों को खोलने वाली, देवताओं के द्वारा रची गयी…
ऐसी महागाथा, जिसे आप बार बार पढना चाहेंगे। यह कहानी है सन राइजिंग नामक एक ऐसे पानी के जहाज की जो किसी कारणवश रास्ता भटक कर बरमूडा ट्रायंगल के खतरनाक क्षेत्र में फंस जाता है। कहानी के कुछ पात्र भयानक मुसीबतों से जूझते हुए अटलांटिस की धरती पर पहुंच जाते हैं जहां पर उनका इंतजार कर रहा होता है इस ब्रम्हांड का सबसे बड़ा तिलिस्म। 28 दरवाजे वाले इस तिलिस्म में मौजूद हैं - सप्ततत्व, 12 राशियां, ग्रीक गॉड, रोमन योद्धा, ब्रह्मांड के सबसे खतरनाक जीव, अनोखे ग्रह, और विज्ञान की अनोखी दुनिया।Qaidi: कैदी
Par Amit Khan. 2022
कमांडर करण सक्सेना ने इस बार चीन जाकर एक कैदी को आज़ाद कराना था। हिन्दुस्तानी कैदी को! वह बड़ा अजीबोगरीब…
वीआईपी कैदी था। कभी चीन वह खुद अपनी इच्छा से गया था। वह एक भारतीय डॉक्टर था। यह इस देश का दुर्भाग्य रहा है कि इस देश की मिट्टी ने बड़ी-बड़ी प्रतिभाओं को जन्म दिया, लेकिन उनमें से ज़्यादातर प्रतिभायें बेपनाह दौलत कमाने के लालच में इंग्लैण्ड, अमेरीका, चीन या रूस चली जाती हैं। जिन प्रतिभाओं की खुश्बू से इस देश की मिट्टी को महकना चाहिये था, उन प्रतिभाओं की खुश्बू से उन देशों की मिट्टी महकती है। उन देशों का सरबुलंद होता है। देशभक्ति के ज़ज्बे से भरा एक ऐसा शानदार उपन्यास- जो सिर्फ कहानी नहीं है, सिर्फ काल्पनिक दास्तान नहीं है बल्कि एक चिंगारी है। ऐसी ज़बरदस्त चिंगारी, जो हर गैरतमंद और वतनपरस्त हिन्दुस्तानी के दिल में लगकर शोला बन जाना चाहती है।Shuttle Ki Rani P. V. Sindhu Ki Biography: शटल की रानी पी. वी. सिंधु की बायोग्राफी
Par V. Krishnaswamy. 2023
चिडि़यों की उड़ान नौ साल की उम्र में पी.वी. सिंधु ने खेल-खेल में एक विजिटिंग कार्ड डिजाइन किया था, जिस…
पर लिखा था- बैडमिंटन अर्जुन अवार्डी। चौबीस साल की उम्र में उन्होंने अपनी अलमारी में सन् 2020 के ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए एक स्थान खाली रखा था। ‘शटल की रानी’, इन दो चरणों के बीच उनके सफर की कहानी है। जब वह रेलवे कॉलोनी से प्रशिक्षण मैदान तक प्रतिदिन पचास किलोमीटर से अधिक की यात्रा करती थीं, तो सिंधु का एक ही सपना था- भारत की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी बनना। वॉलीबॉल, जो उनके माता-पिता का खेल था, उसकी चर्चा डिनर टेबल पर हुआ करती थी, लेकिन स्पोर्ट्स आइकन पुलेला गोपीचंद उनके आदर्श थे। ऐसे समय में जब साइना नेहवाल एक उभरती हुई स्टार थीं, सिंधु भी उन्हीं की अकादमी में शामिल हुई और इस फैसले ने उनकी जिंदगी बदल दी। आज वह एक ओलंपिक रजत पदक विजेता, पद्मभूषण और फोर्ब्स द्वारा जारी दुनिया की सबसे अधिक पैसा कमाने वाली एथलीटों की सूची में शामिल होनेवाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने भारी पराजय के झटके और जोश भरने वाली जीत के साथ विश्वप्रसिद्ध प्रतिद्वंद्विता भी देखी। फिर भी वह एक ऐसी लड़की हैं, जिन्हें फिल्मों, शरारतों और मैसूर पाक से प्यार है। ‘शटल की रानी’ पुस्तक बताती है कि कैसे दिग्गज बैडमिंटन खिलाडि़यों की हताशा युवा पीढ़ी के लिए एक परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आई; क्यों भारत में खेल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एक ही शहर हैदराबाद से आते हैं और इन सबसे बढ़कर, कितने परिश्रम, त्याग और संघर्ष के बाद एक विश्व-विजेता खिलाड़ी तैयार होता है।